Thursday 19 October 2017

श्रद्धा - भक्ति के साथ मनाया पदमप्रभ का जन्म व तप कल्याणक पर्व



जयपुर।  अतिशय क्षेत्र बाड़ा पदमपुरा दिगम्बर जैन मंदिर में मंगलवार को जैन धर्म के छठे तीर्थंकर भगवान पदमप्रभ का जन्म व तप कल्याणक पर्व  एवं धनतेरस के शुभावसर पर अंतर्मना मुनि प्रसन्न सागर महाराज की मंगल प्रेरणा व आचार्य शशांक सागर महाराज, अंतर्मना संघस्थ मुनि पीयूष सागर महाराज एवं गणिनी आर्यिका गौरवमती माताजी ससंघ सानिध्य में श्रद्धा - भक्ति और जयकारो के साथ मनाया गया।  
मंत्री हेमंत सोगानी ने बताया की मंगलवार को जन्म व तप कल्याणक पर्व के शुभावसर पर प्रातः 6 बजे अतिशय क्षेत्र  मूलनायक पदमप्रभ भगवान के स्वर्ण एवं रजत कलशो से कलशाभिषेक किये गए। जिसके 51 विशेष इंद्र कलशो से श्रीजी के अभिषेक संपन्न हुए। ततपश्चात् मुनि पीयूष सागर महाराज के मुखारविंद से भव्य शांतिधारा का आयोजन हुआ। 
समिति अध्यक्ष सुधीर जैन ने  बताया की कलशाभिषेक के पश्चात् विराजमान आचार्य, मुनि एवं आर्यिका माताजी के सानिध्य एवं निर्देशन में पदमप्रभ मंडल विधान पूजन का आयोजन पंडित विमल चंद जैन बनेठा वालो के निर्देशन में मंडल पर कलश स्थापित कर प्रारम्भ किया जिसमे समिति के पदाधिकारी, सदस्यों सहित पदमप्रभ भक्त मंडल परिवार के सेकड़ो श्रद्धालुओं ने भाग लिया और विधान पूजन में पदमप्रभ भगवान की भक्ति के रस में सरोबार होकर श्रद्धा - भक्ति और जयकारो के साथ विधानपूजन में अर्घ चढ़ाये और पूजा - अर्चना की। 

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