Saturday 19 October 2019

आई.ए.एस. एसोसिएशन का साहित्यिक कार्यक्रम, टेक्नोहब में साकार हुई लखनऊ के समाज एवं संस्कृति की झलक

आई.ए.एस. श्रीपार्थ सारथी सेन की पुस्तक लखनऊ डायरिज् ऑफ लव एण्ड लॉगिंग पर हुई चर्चा   

जयपुर। रिश्ते चाहे दोस्ती, प्यार, मोहब्बत के हो उनमें पैसा नहीं आना चाहिए। इस प्रकार जीवन के किसी भी रिश्ते में आर्थिक पैमाना कभी भी रूकावट का कारण नहीं बने। आई.ए.एस. पार्थ सारथी सेन शर्मा शनिवार को टेक्नोहब में आई.ए.एस. एसोसिएशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में श्रोताओं से मुखातिब हो रहे थे। श्रीपार्थ अपनी पुस्तक लखनऊ डायरिज् ऑफ लव एण्ड लॉगिंग पर हो रही चर्चा के दौरान कहा कि जो जीता है उसे ही पता होता है कि दुनिया में क्या हो रहा है। उन्होनें कहा कि हम चाहे या न चाहे समय हमेशा चलेगा और ऎसे दौर में व्यस्तता के बीच समाज को देना न भूले।
प्रमुख शासन सचिव, कार्मिक ,श्रीमती रोली सिंह ने श्री शर्मा के साथ उनकी पुस्तक पर संवाद करते हुए कहा कि यह एक ऎसी रचना है जिसमें समाज, पत्रकारिता, राजनीति एवं रिश्तों के साथ एक कहानी है जो दिनेश, फिरोज और राहुल के जीवन के चारों ओर घुमती है। इस पुस्तक में लखनऊ शहर के 1857 से वर्तमान की स्थितियों को एक सूत्र के रूप में पिरोया है जो हर व्यक्ति के जीवन के किसी न किसी पहलू को जीवन्त करती है। यह कृति समाज में हो रहे बदलाव की ओर हमें ध्यान दिलाती है जो भविष्य की रूपरेखा को भी निर्धारित करती है।
संवाद के दौरान श्रीपार्थ ने कहा कि किसी भी रचना को लिखने के लिए वास्तविकता के साथ कल्पना, जानकारी का होना जरूरी है। उन्होंने अपने उपन्यास के बारे में कहा कि इस में तीन चरित्र जिसमें पत्रकार, राजनितिज्ञ एवं ब्यूरोक्रेटस् की जिन्दगी किस प्रकार आगे बढती है और आपस में जुडती है को उम्मीदों और परिणाम में बीच संघर्ष के रूप में प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहा कि बिना पत्रकारिता एवं राजनीति के बीच जीवन की उलझनें प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कही न कही दिखायी देती है।
शासन सचिव ,विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी एवं आई.ए.एस. एसोसिएशन की साहित्यिक सचिव श्रीमती मुग्धा सिन्हा ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का जीवन एक किताब है और अलग-अलग लोगों से मिलते है उनके अनुभव सुनते है तो कही न कही ये सभी चीजें समाज को दिशा देने का कार्य करती है। आई.ए.एस. एसोसिएशन अपने मंच के माध्यम से ऎसे विशेष लोगों को रूबरू करा रहा है जिसके कारण समाज में हो रही हलचल को वह महसूस कर सकता है तथा अपने भविष्य को सही दिशा भी दे सकता है।
उल्लेखनीय है कि आई.ए.एस. श्री शर्माद्वारा वर्ष 2011 में यात्रानामा ‘‘ ए पैसेज अक्रॉस यूरोप’’ 2015 में उपन्यास ‘‘लव साइड बाय साइड’’ का प्रकाशन करवाया है। ब्रिटेन, यूरोप, टर्की, मोरक्को तथा भारत की यात्रा के संस्मरणों को वर्श 2016 में प्रकाशित यात्रानामा ‘‘एवरी मायल ए मेमॉरी’’ पिरोया है। इन सभी पुस्तकों का हिन्दी में भी अनुवाद हो चुका है।कार्यक्रम में वरिष्ठ आई.ए.एस. एवं आई.पी.एस. सहित विभिन्न सेवाओं के गणमान्य अधिकारी उपस्थित थे।

Thursday 3 May 2018

कर्मचारियों नेताओं ने श्री डी. बी. गुप्ता को मुख्य सचिव के पद पर नियुक्ति की बधाई दी

जयपुर| राजस्थान संयुक्त कर्मचारी मजदूर महासंघ के अध्यक्ष महेश व्यास, अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (प्रगतिशील) के अध्यक्ष मेघराज पंवार एवं पूर्व कर्मचारी नेता एवं ज्योतिर्विद महावीर कुमार सोनी के संयुक्त तत्वावधान में एक प्रतिनिधिमंडल ने नव नियुक्त मुख्य सचिव श्री डी.बी. गुप्ता को उनके कार्यालय में जाकर दिनांक 1 मई को ब्यूरोक्रेसी के सबसे  बड़े पद मुख्य सचिव के पद पर नियुक्ति की बधाई के साथ पदभार ग्रहण करने की हार्दिक शुभकामनाएं दी| 
इस अवसर पर उन्हें पुष्प गुच्छ भेंट कर, माला पहनाकर एवं शॉल ओढाकर उनका अभिनंदन भी किया।







Thursday 19 October 2017

श्रद्धा - भक्ति के साथ मनाया पदमप्रभ का जन्म व तप कल्याणक पर्व



जयपुर।  अतिशय क्षेत्र बाड़ा पदमपुरा दिगम्बर जैन मंदिर में मंगलवार को जैन धर्म के छठे तीर्थंकर भगवान पदमप्रभ का जन्म व तप कल्याणक पर्व  एवं धनतेरस के शुभावसर पर अंतर्मना मुनि प्रसन्न सागर महाराज की मंगल प्रेरणा व आचार्य शशांक सागर महाराज, अंतर्मना संघस्थ मुनि पीयूष सागर महाराज एवं गणिनी आर्यिका गौरवमती माताजी ससंघ सानिध्य में श्रद्धा - भक्ति और जयकारो के साथ मनाया गया।  
मंत्री हेमंत सोगानी ने बताया की मंगलवार को जन्म व तप कल्याणक पर्व के शुभावसर पर प्रातः 6 बजे अतिशय क्षेत्र  मूलनायक पदमप्रभ भगवान के स्वर्ण एवं रजत कलशो से कलशाभिषेक किये गए। जिसके 51 विशेष इंद्र कलशो से श्रीजी के अभिषेक संपन्न हुए। ततपश्चात् मुनि पीयूष सागर महाराज के मुखारविंद से भव्य शांतिधारा का आयोजन हुआ। 
समिति अध्यक्ष सुधीर जैन ने  बताया की कलशाभिषेक के पश्चात् विराजमान आचार्य, मुनि एवं आर्यिका माताजी के सानिध्य एवं निर्देशन में पदमप्रभ मंडल विधान पूजन का आयोजन पंडित विमल चंद जैन बनेठा वालो के निर्देशन में मंडल पर कलश स्थापित कर प्रारम्भ किया जिसमे समिति के पदाधिकारी, सदस्यों सहित पदमप्रभ भक्त मंडल परिवार के सेकड़ो श्रद्धालुओं ने भाग लिया और विधान पूजन में पदमप्रभ भगवान की भक्ति के रस में सरोबार होकर श्रद्धा - भक्ति और जयकारो के साथ विधानपूजन में अर्घ चढ़ाये और पूजा - अर्चना की। 

चैरिटेबल या धार्मिक न्यासों के पंजीकरण हेतु आयकर नियमों को संशोधन करने के लिए टिप्पणियां और सुझाव आमंत्रित

वित्त अधिनियम, 2017 के तहत इस आशय के एक नये खंड (एबी) को आयकर अधिनियम, 1961 (कथित अधिनियम) की धारा 12 ए की उपधारा (1) में (01.04.2018 से प्रभावी) जोड़ा गया था कि इस अधिनियम की धारा 12 ए या 12 एए के तहत जिस न्‍यास और संस्‍थान को पंजीकरण प्रदान किया गया है और उसने बाद में अपने उद्देश्‍यों में संशोधन कर लिया है या अपना लिया है, तो ऐसा संशोधन इस प्रकार के पंजीकरण की शर्तों की पुष्टि नहीं करता है, इसलिए ऐसे न्‍यास या संस्‍थान को ऐसे अंगीकरण या उद्देश्‍यों के संशोधन की तिथि से तीस दिन की अवधि के अंदर एक आवेदन द्वारा फिर से पंजीकरण प्राप्‍त करना अपेक्षित होगा। 
प्रदत्‍त विधान से संबंधित ज्ञापन वित्त विधेयक, 2017 के साथ संसद के पटल पर रखा गया है। अपने उद्देश्‍यों में संशोधन करने वाले न्‍यास या संस्‍थान के पंजीकरण के लिए प्रधान आयुक्त या आयुक्‍त के समक्ष 12 (1) (एबी) के तहत पंजीकरण के लिए आवेदन फॉर्म और तरीके को निर्धारित किया जाना अपेक्षित है।
इस अधिनियम की धारा 12 ए के तहत चैरिटेबल या धार्मिक न्‍यासों के पंजीकरण के लिए आवेदन करने के नियम आयकर अधिनियम, 1962 की धारा 17 ए के तहत दिये गये है। नियमों के मुताबिक चैरिटेबल या धार्मिक न्‍यासों के पंजीकरण के लिए अधिनियम की धारा 12 ए के तहत आवेदन फॉर्म 10 ए पर किया जाना है।
तदनुसार, अधिनियम में उपरोक्‍त संशोधन होने से नियम 17 ए और फॉर्म 10 ए में संशोधन किए जाने का प्रस्ताव है। इस संबंध में, नियम 17 ए और फॉर्म 10 ए में संशोधन उपलब्‍ध कराने की मसौदा अधिसूचना तैयार की गई है और आयकर विभाग की वेबसाइट www.incometaxindia.gov.in पर हितधारकों और आम जनता की टिप्पणियों के लिए अपलोड की गई है।
मसौदा नियमों के बारे में टिप्पणियां और सुझाव ईमेल पते dirtpl1@nic.in पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से 27 अक्टूबर, 2017 तक भेजे जा सकते है।  
वीके/आईपीएस/जीआरएस -5116

सबको पर्यटन से जोड़ें - पर्यटन पर्व के 13वें दिन का समारोह (पर्यटन पर्व की थीम है “पर्यटन : सभी के लिए”। देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग के साथ पर्यटन क्षेत्र के सभी संगठित और असंगठित क्षेत्रों के हितधारकों को सहभागी बनाने का प्रयास)

पर्यटन प्रक्षेत्र भारत के सबसे अधिक रोजगार देने वाले क्षेत्रों में एक है। यह प्रक्षेत्र समाज के कमजोर तबकों के लिए समावेशी विकास को प्रोत्साहन देता है। पर्यटन पर्व का एक प्रमुख उद्देश्य है – पर्यटन को आर्थिक विकास का एक प्रमुख स्तंभ मानना तथा लोगों को इस क्षेत्र के प्रति जागरूक बनाना और समाज के सभी वर्गों की सक्रिय भागीदारी से रोजगार के अवसर सृजित करना तथा गरीबी का उन्मूलन करना। पर्यटन पर्व की थीम है “पर्यटन : सभी के लिए”। देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग के साथ पर्यटन क्षेत्र के सभी संगठित और असंगठित क्षेत्रों के हितधारकों को सहभागी बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
पर्यटन पर्व के दौरान कौशल विकास व प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। युवाओं के साथ-साथ पर्यटन क्षेत्र से जुड़े सभी सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल किया गया। इसके अतिरिक्त स्थानीय समुदायों को भी पर्यटन के महत्व के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें आय में वृद्धि, जीवन स्तर बेहतर होने, स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तकला, खानपान आदि की लोकप्रियता में बढ़ोत्तरी के बारे में बताया गया। स्थानीय समुदायों को आजीविका के नए अवसर सृजित होने के बारे में भी जानकारी दी गई।
सेवा प्रक्षेत्र , प्रशिक्षित कार्यबल की कमी का सामना कर रहा है। पर्यटन पर्व के दौरान यह सुविधा दी गई कि जो भी पर्यटन क्षेत्र से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं वे अपने कौशल को प्रशिक्षण के द्वारा बेहतर बना सकते हैं।
पर्यटन मंत्रालय की दो महत्वपूर्ण योजनाएं हैं – स्वदेश दर्शन और प्रसाद। इन योजनाओं की महत्वपूर्ण विशेषता है – पर्यटन स्थलों और पर्यटन सर्किट के आस-पास के क्षेत्रों में आधारभूत संरचना का विकास। इसमें स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाती है तथा रोजगार के नए अवसरों का सृजन होता है।

पूरे देश में पर्यटन पर्व का 13वां दिन
भूतपूर्व सैनिक कल्याण, ट्रेवल ट्रेड एसोसिएशन व राज्य सरकार के सहयोग से पर्यटन मंत्रालय द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन। उद्देश्य – पर्यटन क्षेत्र में भूतपूर्व सैनिकों की सेवा का उपयोग।
संस्कृति मंत्रालय और आईजीएनसीए ने चेन्नई के ललित कला अकादमी में एमएस : ए लाइफ इन म्यूजिक विषय पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया।
झारखंड सरकार के सूचना व जनसंपर्क विभाग ने संस्कृति म्यूजियम के सहयोग से हजारीबाग में ट्राइबल हेरिटेज वॉक का आयोजन किया।
केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालयों ने अपने छात्रों के लिए पर्यटन को ध्यान में रखते हुए कई छोटी यात्राओं का आयोजन किया।
कोलकाता के इंडिया टूरिज्म ने ओडिशा सरकार की सहायता से पर्यटन और हस्तकला प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम, क्विज प्रतियोगिता जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किए।
गुवाहाटी के इंडिया टूरिज्म ने राज्य सरकार की सहायता से राफ्टिंग, कयाकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग तथा टूर ऑपरेटरों, ट्रेवल एजेंटों तथा होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए पर्यटन कार्यशाला का आयोजन किया।
आईएचएम और आईआईटीटीएम के सहयोग से इंडिया टूरिज्म, दिल्ली ने संजय पार्क, सरोजनी नगर तथा कुतुब मीनार में योग सत्रों का आयोजन किया। लाल किले में हस्तकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। महरौली पार्क में हेरिटेज वॉक का आयोजन किया गया। दुकानदारों, रिक्शा और ऑटो रिक्शा चालकों के लिए नई दिल्ली के इंद्रपूरी मार्किट तथा चंडीगढ़ के सेक्टर-42 में अतिथि देवो भव कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, केरल, झारखंड व गुजरात राज्यों में विभिन्न  सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा प्रतियोगिताएं आयोजित की गई।
माई गॉव वेबसाइट पर देखो अपना देश विषय पर फोटो प्रतियोगिता, क्विज प्रतियोगिता, ब्लॉग प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। दूरदर्शन पर स्माइल इंडिया स्माइल विषय पर फोटो प्रतियोगिता अभी जारी है। सफल प्रतियोगियों को आकर्षक इनाम दिए जाएंगे।




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वीके/जेके/डीए– 5099

Sunday 15 October 2017

डा. कलाम ने भारत की रक्षा एवं अंतरिक्ष प्रणालियों को आत्म निर्भर बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई: उपराष्ट्रपति

‘स्वच्छ एवं हरित भारत‘ के लिए रैली को झंडी दिखाई

उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि डा. कलाम ने भारत की रक्षा एवं अंतरिक्ष प्रणालियों को 
आत्म निर्भर बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई। उपराष्ट्रपति आज यहां डा. एपीजे अब्दुल कलाम की 86वीं 
जयंती के अवसर पर आयोजित समारोहों के एक हिस्से के रूप में ‘स्वच्छ एवं हरित भारत‘ के लिए रैली 
को झंडी दिखाने के अवसर पर एकत्र जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।
उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि डा. कलाम नाव बनाने वाले के पुत्र थे जो अपने परिवार की आजीविका में 
मदद करने के लिए बचपन में अखबार बांटा करते थे। उन्होंने कड़ी मेहनता, लगन एवं आत्म विश्वास की 
बदौलत वहां से भारत के प्रथम नागरिक बनने तक की अविस्मरणीय यात्रा की। उन्होंने कहा कि ‘लोगों के 
राष्ट्रपति‘ स्कूली छात्रों एवं युवाओं को हमेशा सलाह दिया करते थे कि ‘स्वप्न देखने की हिम्मत करो और 
आसमान तक पहुंचने की कोशिश करो।‘
उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि भारत के राष्ट्रपति के उत्कृष्ट पद पर पहुंचने के बावजूद डा. कलाम हमेशा 
जीवन भर सरल और विनम्र बने रहे तथा उन सबके साथ हमेशा प्यार और गर्मजोशी से मिलते थे जो 
उनके साथ काम करते थे या उनके परिचित थे, चाहे वे कियी भी पद पर या किसी भी पृष्ठभूमि के क्यों 
 न रहे हों। उपराष्ट्रपति महोदय ने स्मरण किया कि उन्होंने डा. कलाम से कई अवसरों पर मुलाकात की 
थी और उनके साथ की गई कोई भी चर्चा उनके लिए सीखने का एक अनुभव होता था।
उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि डा. कलाम का विजन 2020 तक भारत को एक विकसित देश के रूप में 
पूरी तरह रूपांतरित होते देखना था और उन्हें भरोसा था कि लोगों की प्रतिभा, लगन और कड़ी मेहनत को 
देखते हुए भारत के लिए यह दर्जा हासिल करना मुश्किल नहीं था। उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि डा. 
कलाम हमेशा कहा करते थे कि ‘मजबूती ही मजबूती का सम्मान करती है‘ और वह भारत को एक 
अग्रणी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरते देखना चाहते थे।
एसकेजे/आरके


कानून के तहत लोगों को सेवा प्रदान करने की गारंटी होनी चाहिए: उपराष्ट्रपति



‘द मेवरिक्स ऑफ मसूरी’ नामक पुस्‍तक का विमोचन किया
भारत के उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि कानून के तहत लोगों को सेवा प्रदान करने की गारंटी होनी चाहिए। वह आज यहां श्री एम. रामचंद्रन द्वारा लिखित पुस्‍तक ‘द मेवरिक्स ऑफ मसूरी’ का विमोचन करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह किताब सामान्य पाठक को भारतीय प्रशासनिक सेवा या नौकरशाही के कामकाज करने के तरीकों से और भी बेहतर ढंग से अवगत कराने का अवसर प्रदान करती है। उन्होंने यह भी कहा कि इस पुस्तक में प्रोफेशनल दक्षता एवं  कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता के साथ-साथ गवर्नेंस में सुधार सुनिश्चित करने को लेकर लेखक द्वारा की गई कड़ी मेहनत की भी झलक मिलती है।  उन्होंने कहा कि सिविल सेवकों को सरकार की नीतियां लागू करने में अनगिनत जटिल चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि ‘अधिकतम शासन एवं न्यूनतम सरकार’ सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय सेवाओं से जुड़े कर्मियों को अभिनव रूप से कार्य करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इसे ‘स्टील फ़्रेम’  के रूप में वर्णित किया गया है जो समाज को एकजुट रखता है क्योंकि इसे देश के कानूनों का एक उद्देश्यपरक कार्यान्वयनकर्ता माना जाता है। उन्होंने कहा  कि आजादी के बाद देश में उच्च सिविल सेवा से जुड़े कर्मी राष्ट्र निर्माण में सर्वाधिक योगदान देने वालों में से एक रहे हैं।
देश में पिछली तिमाही के दौरान जीडीपी वृद्धि दर कम रहने के कारण का उल्‍लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने एक ऐसे कॉलेज का उदाहरण दिया, जो अच्छे परिणाम पाने के लिए कदाचार में लिप्‍त रहता था। जब एक सख्त प्रिंसिपल को कॉलेज में नियुक्त किया गया तो उन्होंने सभी तरह के कदाचार बंद कर दिए और छात्र परीक्षाओं में अनुत्तीर्ण हो गए। इसके परिणामस्वरूप छात्रों, शिक्षकों एवं प्रबंधन ने प्रिंसिपल को दोषी ठहराया है।

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वीके/आरआरएस/एसएस –  5073