आई.ए.एस. श्रीपार्थ सारथी सेन की पुस्तक लखनऊ डायरिज् ऑफ लव एण्ड लॉगिंग पर हुई चर्चा
जयपुर। रिश्ते चाहे दोस्ती, प्यार, मोहब्बत के हो उनमें पैसा नहीं आना चाहिए। इस प्रकार जीवन के किसी भी रिश्ते में आर्थिक पैमाना कभी भी रूकावट का कारण नहीं बने। आई.ए.एस. पार्थ सारथी सेन शर्मा शनिवार को टेक्नोहब में आई.ए.एस. एसोसिएशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में श्रोताओं से मुखातिब हो रहे थे। श्रीपार्थ अपनी पुस्तक लखनऊ डायरिज् ऑफ लव एण्ड लॉगिंग पर हो रही चर्चा के दौरान कहा कि जो जीता है उसे ही पता होता है कि दुनिया में क्या हो रहा है। उन्होनें कहा कि हम चाहे या न चाहे समय हमेशा चलेगा और ऎसे दौर में व्यस्तता के बीच समाज को देना न भूले।
प्रमुख शासन सचिव, कार्मिक ,श्रीमती रोली सिंह ने श्री शर्मा के साथ उनकी पुस्तक पर संवाद करते हुए कहा कि यह एक ऎसी रचना है जिसमें समाज, पत्रकारिता, राजनीति एवं रिश्तों के साथ एक कहानी है जो दिनेश, फिरोज और राहुल के जीवन के चारों ओर घुमती है। इस पुस्तक में लखनऊ शहर के 1857 से वर्तमान की स्थितियों को एक सूत्र के रूप में पिरोया है जो हर व्यक्ति के जीवन के किसी न किसी पहलू को जीवन्त करती है। यह कृति समाज में हो रहे बदलाव की ओर हमें ध्यान दिलाती है जो भविष्य की रूपरेखा को भी निर्धारित करती है।
संवाद के दौरान श्रीपार्थ ने कहा कि किसी भी रचना को लिखने के लिए वास्तविकता के साथ कल्पना, जानकारी का होना जरूरी है। उन्होंने अपने उपन्यास के बारे में कहा कि इस में तीन चरित्र जिसमें पत्रकार, राजनितिज्ञ एवं ब्यूरोक्रेटस् की जिन्दगी किस प्रकार आगे बढती है और आपस में जुडती है को उम्मीदों और परिणाम में बीच संघर्ष के रूप में प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहा कि बिना पत्रकारिता एवं राजनीति के बीच जीवन की उलझनें प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कही न कही दिखायी देती है।
शासन सचिव ,विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी एवं आई.ए.एस. एसोसिएशन की साहित्यिक सचिव श्रीमती मुग्धा सिन्हा ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का जीवन एक किताब है और अलग-अलग लोगों से मिलते है उनके अनुभव सुनते है तो कही न कही ये सभी चीजें समाज को दिशा देने का कार्य करती है। आई.ए.एस. एसोसिएशन अपने मंच के माध्यम से ऎसे विशेष लोगों को रूबरू करा रहा है जिसके कारण समाज में हो रही हलचल को वह महसूस कर सकता है तथा अपने भविष्य को सही दिशा भी दे सकता है।
उल्लेखनीय है कि आई.ए.एस. श्री शर्माद्वारा वर्ष 2011 में यात्रानामा ‘‘ ए पैसेज अक्रॉस यूरोप’’ 2015 में उपन्यास ‘‘लव साइड बाय साइड’’ का प्रकाशन करवाया है। ब्रिटेन, यूरोप, टर्की, मोरक्को तथा भारत की यात्रा के संस्मरणों को वर्श 2016 में प्रकाशित यात्रानामा ‘‘एवरी मायल ए मेमॉरी’’ पिरोया है। इन सभी पुस्तकों का हिन्दी में भी अनुवाद हो चुका है।कार्यक्रम में वरिष्ठ आई.ए.एस. एवं आई.पी.एस. सहित विभिन्न सेवाओं के गणमान्य अधिकारी उपस्थित थे।
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