पर्यावरण को बचाना एवं पर्यावरण गतिविधियों को बढाना सबसे बड़ा उद्देश्य घोषित किया जाना चाहिए, इसमें अब जरा सा भी विलम्ब नहीं किया जाना चाहिए। पर्यावरण के लिए जो भी व्यक्ति या संस्थाएं काम कर रही है, कर रहे हैं, चाहे उनमे कोई कम कर रहा है या कोई ज्यादा, सभी को प्रोत्साहित किया जाने के प्रयास किए जाकर उनको इस हेतु और आगे लाने के प्रयास होने चाहिए। मेरे विचार से पब्लिक ट्रांसपोर्ट को इस प्रकार से अच्छा एवं सुविधाजनक किया जाना चाहिए कि आमजन इनमें ही सवारी को प्रोत्साहित हो, अर्थात स्वयं के वाहन होने के बावजूद लोग इन पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ही उपयोग करे, इसके प्रयास अविलम्ब होने चाहिए। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को कैसे अच्छा से अच्छा किया जा सकता है, इस हेतु दुपहिया एवं चार पहिया वाहन चालको को बड़ी संख्या में शामिल करते हुए सभी से सुझाव लिए जाने चाहिए, इनसे ही मुख्य रूप से पूछा जाना चाहिए कि ये किस स्थिति में अपने निजी वाहनों को छोड़ कर पब्लिक ट्रांसपोर्ट को महत्व दे सकते हैं। एक ही क्षेत्र में आसपास के कार्यालयों के अधिकारी कर्मचारियों के लिए विशेष बसें लगाने पर विचार किया जाना चाहिए, एक ही रूट पर आने वाली कॉलोनियों से अधिकारी कर्मचारी किस स्थिति इन बसों में ऑफिस आने जाने के लिए उत्साहित होंगे, तैयार होंगे, इस पर विचार कर सुझावों पर शीघ्र क्रियान्वन किया जाना चाहिए। डीजल से चलने वाली गाड़ियों से प्रदूषण पेट्रोल के तुलनात्मक रूप से कितना अधिक एवं वातावरण में कितना तेजी से जल्दी बढ़ रहा है, इसकी समीक्षा/जांच की जाकर, इनको कम करने या बंद करने आदि पर भी विचार किया जा सकता है। प्रदूषण कम फैलाने वाले या बिलकुल नहीं फैलाने वाले रिक्शा आदि जैसे वाहनों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
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