Friday 18 November 2016

"ऑल इंडिया सोशल मीडिया फोरम" का गठन, सीनियर जर्नलिस्ट एवम सोशल लीडर महावीर कुमार सोनी बने अध्यक्ष

समाज कल्याण को तीव्र गति देने की दिशा में सोशल मीडिया एडमिन्स एवं यूर्जस के कल्याणार्थ सोशल मीडिया शक्तिकरण के उद्देश्य से लेखकों, पत्रकारों, समाज सेवकों, फिल्म निर्माता - निर्देशकों एवं एडवोकेट्स ने मिलकर किया "सोशल मीडिया फोरम" का गठन

जयपुर। सोशल मीडिया के असंख्य लाभ हैं किंतु इससे कुछ हानियां भी सामने आई है, बड़ी संख्या में लोग इससे लाभ प्राप्त कर रहे है, किन्तु कुछ लोग इसका दुरुपयोग भी कर रहे है, जो अत्यंत अनुचित है। ऐसे कुछ लोगों की वजह से आपस में एक दूसरे तक अत्यंत सरलता, सहजता एवं मितव्ययता से उपयोगी जानकारियों एवं सूचनाओं को एक दूसरे तक पहुँचाने वाले, विभिन्न जाति, वर्ग के लोगों को आपस में जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण साधन पर रोक, आंशिक रोक, अंकुश तक की बात कई बार सुनने में आती रही है। जबकि इस पर किसी भी प्रकार की रोक के स्थान पर इसके उपयोगकर्ताओं के लिए इसे सही ढंग से जानने या उनके लिए प्रशिक्षण, वर्कशॉप, जागरूकता कार्यक्रमों की आवश्यकता है, जिससे इस साधन का दुरूपयोग करने वालों से स्वयं भी बचा जा सके और दूसरों को भी बचाया जा सके एवं इस सुलभ साधन द्वारा लाभ ही लाभ हों, हानियां न हो।
विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दायरा बढ़ाने में अग्रसर इस साधन से विभिन्न रचनात्मक एवं सामाजिक कार्यक्रमों को मितव्ययी एवं सहजता से अधिकाधिक गति मिले, इसके लिए सोशल मीडिया वेलफेयर की आवश्यकता को महसूस करते हुए उक्त विचारो के साथ इस दिशा में विगत काफी समय से सकारात्मक एवं रचनात्मक प्रयास करते हुए सोशल लीडर एवं सीनियर जर्नलिस्ट महावीर कुमार सोनी द्वारा एक और बड़े प्रयास के रूप में बुलाई गई बैठक में फेसबुक एडमिन्स, व्हाट्स एप्प ग्रुप्स एडमिन्स, पत्रकार, लेखक, एडवोकेट्स आदि ने उपस्थित होकर सोशल मीडिया सशक्तिकरण के प्रयास में कंधे से कंधे मिलाकर साथ देने का वायदा किया। वक्ताओं ने अपने अपने विचारों में सोनी के उक्त उदगारों का समर्थन किया। वक्ताओं ने अपने अपने अनुभव शेयर करते हुए बताया कि आम लोगों के विभिन्न बड़े संकटों एवं समस्याओं का इससे त्वरित समाधान हुआ है, भविष्य में राज्य एवं जनहितकारी कार्यक्रमों को इससे त्वरित गति देने के लिए सोशल मीडिया के शक्तिकरण एवं कल्याण की आवश्यकता है। जिसके मद्देनजर सबने समर्थन करते हुए सर्वसम्मति से एक मंच गठित करने की आवश्यकता बतलाई, उपस्थित लोगों ने आपस में चर्चा कर सर्व सम्मति से इसके लिए "ऑल इंडिया सोशल मीडिया फोरम" के नाम से मंच गठन करने पर मोहर लगाई। इसके बाद प्रस्ताव पारित कर इस मंच के लिए सर्वसम्मति से अध्यक्ष के रूप में श्री महावीर कुमार सोनी को चुना गया। उपस्थित सभी लोगों ने इसकी कार्यकारिणी में शामिल होकर जो जिम्मेदारी संघ अध्यक्ष देंगे, उसको निभाने का वायदा किया, शपथ ली। इसके बाद अध्यक्ष महोदय द्वारा निम्नानुसार लेखक गण, पत्रकार, फिल्म निर्माता, फिल्म निर्देशक, समाजसेवी, रंगमंच कर्मी, एडवोकेट्स आदि में से संस्थापक सदस्यों की प्रथम कार्यकारिणी निम्नानुसार घोषित की गई :-
1. श्री महावीर कुमार सोनी
2. श्री इंदरजीत शर्मा
3. श्री तपन भट्ट
4. श्री अबरार अहमद
5. श्री अविनाश त्रिपाठी
6. श्री वीरेंद्र गोदीका, एडवोकेट
7. श्रीमती ललिता महरवाल, एडवोकेट
8. श्री अकबर खान
9. श्रीमती पूजा पवन कुमार
10. श्री अक्षय जैन, मोदी
11. श्रीमती मीनाक्षी माथुर
12. श्री महेंद्र सोनी
13., श्री दीपक दाधीच
14. श्री प्रवीण जाखड़
15. श्रीमती रेनू शर्मा
16. श्री श्रवण मेहरड़ा
16. श्री चोथमल बघेरिया
17. शुभम शर्मा
18. हरि प्रसाद शर्मा
19. डॉ. टीना जैन
20. वी पी हलचल
21. डॉ. सुभाष यादव
22. बनवारी यादव
23. मनीष जैसलमेरिया
24. मनोज भारद्वाज








Sunday 13 November 2016

बैंकों में पुरानी मुद्रा के रूप में जमा राशि पर आयकर विभाग द्वारा लिए गए फैसलों से संबंधित सवालों पर वित्त सचिव डॉ. हसमुख अधिया द्वारा दिए गए कुछ जवाब

सवाल 1: बहुत सारे छोटे व्यापारियोंगृहिणियोंकारीगरोंकामगारों के पास बचत के रूप में कुछ नकद राशि घरों में रखे हो सकते हैंक्या अगर उसे बैंक में जमा कराने जाने पर आयकर विभाग पैसों को लेकर पूछताछ करेगा।
जवाब 1: सवाल में दिए गए वर्ग के लोग जो 1.5 या 2 लाख रुपये जमा कराने के लिए जाते हैं उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं हैक्योंकि ये आयकर की न्यूनतम सीमा के भीतर है। इस तरह की छोटी जमा राशि के लिए आयकर विभाग किसी को भी परेशान नहीं करेगा।
सवाल 2: क्या इस दौरान जमा की गई नकद रकम की रिपोर्ट आयकर विभाग लेगा। अगर हांतो क्या 10 लाख नकदी जमा की सीमा को पार करने पर सूचित करने का वर्तमान नियम आगे भी जारी रहेगी।
जवाब 2: हम 10 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच जमा कराई जाने वाली 2.5 लाख से ऊपर की हर नकदी रकम का और ऐसे खाते का हिसाब लेंगे। विभाग इस रकम और इसे जमा कराने वाले व्यक्ति द्वारा फाइल की गई आयकर रिटर्न का मिलान कर जांच करेगा। उसके बाद उसपर उचित कार्रवाई की जा सकती है।
सवाल 3: मान लीजिए की विभाग को ये पता चलता है कि किसी खाते में 10 लाख से ज्यादा की रकम जमा की गई है और वो रकम जमाकर्ता की घोषित आय से मेल नहीं खा रही है। ऐसे में जमाकर्ता पर कितना कर और जुर्माना लगाया जाएगा।
जवाब 3: इस तरह के मामलों को कर चोरी माना जाएगा। इन मामलों में आयकर अधिनियम की धारा 270 (ए) के हिसाब से कर की राशि वसूली जाएगी और साथ ही भुगतेय कर के अलावा 200% की राशि जुर्माना के रूप में भी वसूली जाएगी।
सवाल 4: ऐसा माना जा रहा है कि बहुत सारे लोग अब आभूषण खरीद रहे हैंइससे निबटने के लिए विभाग किस तरह से तैयारी कर रहा है?
जवाब 4: जो भी व्यक्ति आभूषण खरीदता है उसे पैन नंबर देना होता है। हम क्षेत्रिय प्राधिकारियों को ये निर्देश जारी कर रहे हैं कि ये सुनिश्चित की जाए कि सभी  आभूषण विक्रेता इस नियम का पालन करने में किसी तरह का समझौता ना हो पाए। उन आभूषण विक्रेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी जो आभूषण बिक्री के समय पैन नंबर नहीं लेते हैं। जब आभूषण बिक्री के बाद विक्रेता द्वारा नकद राशि जमा कराई जाएगी तब इसकी जांच की जाएगी कि वो बेचे गए आभूषण की रकम से मेल खाते हैं या नहीं। बिक्रेता ने ग्राहक का पैन नंबर लिया है या नहीं इसकी भी जांच की जाएगी।
***
पीकेटी/एमएस- 4988

Tuesday 8 November 2016

राष्ट्र के तेजी से विकास करने की दिशा प्रधानमंत्री जी का एक और साहसिक कदम


लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने राष्ट्र के नाम सन्देश 8 नवम्बर 2016 में जो साहसिक घोषणा करते हुए निर्णय की जानकारी दी, उससे समूचे राष्ट्र को चौंका दिया है, देश के छुपे हुए काले धन को बाहर लाने के लिए उनके असीम प्रयासों में यह एक बड़ा प्रयास कहलाएगा, जिसके तहत इस बड़े कदम से उन्होंने दिनांक 8 नवम्बर 16 को 500 एवं 1000 के नोटों को बंद करने के निर्णय की घोषणा की, देश के इतिहास में यह एक बेहद साहसिक कदम है, इस कदम से ईमानदारी से कमाकर जीवन यापन कर रहे आमजन में यह धारणा पुन: बलवती हुई है कि मोदी जी की कथनी और करनी एक है, जो वो कहते हैं करके रहते हैं, उनके कुशल नेतृत्व में राष्ट्र शीघ्र विकसित राष्ट्र बनकर रहेगा, कैसी भी विरोधी ताकतें इसे रोक नहीं पाएगी, यहाँ यह कहना भी अनुचित नहीं होगा कि कालेधन की जमाखोरी वाले पूंजीपतियों के तो निश्चित ही इससे होश उड़ गए होंगे. मोदी जी को बहुत बहुत साधुवाद, आभार !
क्या है ये कदम और क्या है नीति, जानिए उनकी स्वयं की जुबानी, प्रधानमंत्री जी के राष्ट्र के नाम इस सन्देश से -  
मेरे प्यारे देशवासियों,

दिवाली के पावन पर्व की समाप्ति नई आशाएं और नई खुशियों के साथ हुई होंगी। आज आप सभी से कुछ विशेष निवेदन करना चाहता हूँ।

इस वार्ता में कुछ गंभीर विषय, कुछ महत्वपूर्ण निर्णय आप से साझा करूंगा। आपको ध्यान होगा की जब आपने 2014 मई में हमें जिम्मेदारी सौंपी थी, तब विश्व की अर्थव्यवस्था में BRICS के सन्दर्भ में यह आम चर्चा थी की BRICS में जो आईअक्षर, जो India से जुड़ा हुआ है, लोग कहते थे BRICS में जो आईहै, वह लुढ़क रहा है। लगातार 2 साल के देशव्यापी अकाल के बावजूद भी, पिछले ढाई वर्षों में सवा सौ करोड़ देशवासियों के सहयोग से आज भारत ने ग्लोबल इकॉनमी में एक ब्राइट स्पॉटअर्थात चमकता सितारा के रूप में अपनी उपस्तिथि दर्ज कराई है। ऐसा नहीं है की यह दावा हम कर रहे हैं, बल्कि यह आवाज इंटरनेशनल मोनेटरी फण्ड (IMF) और वर्ल्ड बैंक से गूंज रही है।

बहनों भाइयों,

विकास की इस दौड़ में हमारा मूल मंत्र रहा है सबका साथ, सबका विकास। यह सरकार गरीबों को समर्पित है और समर्पित रहेगी। गरीबी के खिलाफ हमारी लड़ाई का मुख्य शस्त्र रहा है गरीबों का देश की अर्थव्यवस्था एवं सम्पन्नता में सक्रिय

भागीदारी यानी गरीबों का सशक्तिकरण, गरीबों का एम्पावरमेंट। इस प्रयास की झलक आप लोगों को

प्रधान मंत्री जन धन योजना,

जन धन से जन सुरक्षा योजना,

आर्थिक गतिविधियों के लिए प्रधान मंत्री मुद्रा ऋण योजना,

दलित, आदिवासी और महिला उद्यमियों के लिए स्टैंड अप इंडिया,

गरीबों के घर गैस का चूल्हा पहूँचाने के लिए प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना,

किसानों की आमदनी सुरक्षित करने के लिए प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना और प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना,

उनको अपने खेतों से सही उपज पाने के लिए Soil हेल्थ कार्ड योजना और

सही उपज का सही दाम पाने के लिए e-NAM अर्थात राष्ट्रीय कृषि बाज़ार योजना इन सब में ये साफ़ नजर आता है ये सरकार गाँव, गरीब और किसान को समर्पित है।

मेरे प्यारे देशवासियों

पिछले दशकों में हम यह अनुभव कर रहे है की देश में भ्रष्टाचार और कला धन जैसी बीमारियों ने अपनी जड़े जमा लीं हैं और देश से गरीबी हटाने में ये भ्रष्टाचार, ये कला धन, ये गोरख धंधे सबसे बड़ी बाधा है।

एक तरफ तो विश्व में हम आर्थिक गति में तेजी से बढ़ने वाले देशों में सबसे आगे हैं। दूसरी तरफ भ्रष्टाचार की ग्लोबल रैंकिंग में दो साल पहले भारत करीब-करीब सौवें नंबर पर था। ढेर सारे कदम उठाने के बावजूद हम छेहत्तरवें नंबर पर पहुँच पाए हैं। यह इस बात को दर्शाता है कि भ्रष्टाचार और काले धन का जाल कितने व्यापक रूप से देश में बिछा है।

भ्रष्टाचार की बीमारी को कुछ वर्ग विशेष के लोगों ने अपने स्वार्थ के कारण फैला रखा है। गरीबों के हक को नज़रंदाज़ कर ये खुद फलते-फूलते रहे हैं। कुछ लोगों ने पद का दुरुपयोग करते हुए इसका भरपूर फायदा उठाया। दूसरी तरफ, इमानदार लोगों ने इसके खिलाफ लड़ाई भी लड़ी है। देश के करोड़ों नागरिकों ने ईमानदारी को जी कर के दिखाया है।

हम प्रायः यह सुनते हैं की गरीब ऑटो ड्राईवर अपनी गाडी में छूट गई सोने के आभूषण वाले बैग को उसके असली मालिक को कैसे ढूँढ कर लौटाता है, कई बार हम सुनते हैं कोई टैक्सी ड्राईवर यात्रियों का कोई सामान अगर छूट जाता है, मोबाइल फ़ोन रह जाता है तो अपने खर्चे से उनको ढूढने जाता है, और पहुंचा देता है, अरे सब्जी बेचने वाला भी, सामान्य दूकान वाला भी अगर ग्राहक से गलती से ज्यादा पैसे ले लिए तो तो उसको बुलाकर लौटा देता है।

प्यारे देशवासियों,

इस बात का ये सबूत है कि हिंदुस्तान का सामान्य से सामान्य नागरिक ईमानदार है, लेकिन प्यारे देशवासियों, हर देश के विकास के इतिहास में ऐसे क्षण आये हैं जब एक शक्तिशाली और निर्णायक कदम की आवश्यकता महसूस की गई। इस देश ने यह वर्षों से महसूस किया है कि भ्रष्टाचार, काला धन, जाली नोट और आतंकवाद - ऐसे नासूर हैं जो देश को विकास की दौड़ में पीछे धकेलती हैं। देश को, समाज को अन्दर ही अन्दर खोखला कर देती है।

मेरे प्यारे देशवासियों,

आतंकवाद की भयानकता को कौन नहीं जानता है? कितने निर्दोष लोगों को के मौत के घाट उतार दिया जाता है। लेकिन क्या आपने सोंचा है की इन आतंकियों को पैसा कहाँ कहाँ से मुहैया होता है? सीमा पार के हमारे शत्रु जाली नोटों के जरिये, नकली नोटों के जरिये अपना धंधा भारत में चलाते हैं और यह सालों से चल रहा है। अनेक बार 500 और हज़ार रुपये के जाली नोट का कारोबार करने वाले पकडे भी गए हैं और ये नोटें जब्त भी की गई हैं।

बहनों भाइयों,

एक तरफ आतंकवाद और जाली नोटों का जाल देश को तबाह कर रहा है। दूसरी ओर भ्रष्टाचार और काले धन की चुनौती देश के सामने बनी हुई है। हमने कार्य सँभालने के तुरंत बाद भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ लड़ाई की शुरुआत करते हुए अनेक प्रभावी कदम उठायें, जैसे:

काले धन की जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में SIT का गठन किया।

विदेशों में जमा काले धन के लिए 2015 में मज़बूत कानून बनाने का हमने काम किया

काले धन को विदेश से लाने के लिए विभिन्न देशों के साथ टैक्स समझौतों में हमने परिवर्तन किया, नए समझौते किये

अमेरिका सहित विभिन्न देशों के साथ सूचना के आदान प्रदान, information exchange का प्रावधान किया

भ्रष्टाचारियों की बेनामी संपत्ति को रोकने के लिए अगस्त 2016 में एक और मज़बूत कानून

इस कानून से एक बहुत बड़े चोर दरवाजे को बंद कर दिया गया।

देश में अघोषित आय को पेनाल्टी के साथ घोषित करने की योजना में काफी बड़ी मात्रा में अघोषित आय उजागर हुई।

मेरे प्यारे देशवासियों,

इन सारे प्रयासों से, पिछले ढाई सालों में भ्रष्टाचारियों से करीब करीब सवा लाख करोड़ रुपये का काला धन बाहर आया है। ऐसे करोड़ों भारतवासी जिनके रग रग में ईमानदारी दौड़ती है उनका मानना है कि भ्रष्टाचार, काले धन, बेनामी संपत्ति, जाली नोट और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई निर्णायक होनी चाहिए। कौन ईमानदार नागिरक ऐसा होगा जिसे अफसरों के घर बिस्तर के नीचे से, या जगह जगह बोरियों में करोड़ों रुपये पाए जाने की खबर पीड़ा न होती हो?

आज देश की मुद्राव्यवस्था का हाल यह है की देश में कुल सिक्कों और नोटों की मूल्य में 500 और 1,000 रुपये वाले नोटों का हिस्सा लगभग 80 से 90 प्रतिशत तक पहुँच गया है।

देश में कैश का अत्यधिक सर्कुलेशन का एक सीधा सम्बन्ध भ्रष्टाचार से है। भ्रष्टाचार से अर्जित कैश का कारोबार महँगाई पर बड़ा असर पैदा करता है। इसकी मार गरीबों को झेलनी पड़ती है। इस का सीधा प्रभाव गरीब और मध्यम वर्ग की खरीदने की शक्ति पर पड़ता है। आपका स्वयं का अनुभव होगा, जब मकान या जमीन खरीदते वक़्त आप से कुछ धन चेक में लेंगे और ज्यादातर धनराशी कैश में मांगी जाती होगी। ईमानदार व्यक्ति के लिए कुछ भी खरीदना, एक माध्यम वर्ग के व्यक्ति के लिए घर खरीदना हो, उसके पास कला धन नहीं है तो मुसीबत हो जाती है। कैश के इस धंधे के कारण मकान, जमीन, उच्च शिक्षा और चिकित्सा जैसी अनेक सेवाओं और वस्तुओं के मूल्य में बहुत ज्यादा कृत्रिम वृद्धि होती है, artificial increase होता है।

भ्रष्टाचार से जमा किया गया धन हो या काला धन हो, ये दोनों बेनामी हवाला कारोबार को बल देते हैं। और हम जानते हैं कि हवाला का उपयोग आतंकियों ने हथियार की खरीद फरोख्त में भी किया है। चुनावों में काले धन के प्रभाव की चर्चा तो वर्षों से हो रही है।

बहनों भाइयों,

देश को भ्रष्टाचार और काले धन रूपी दीमक से मुक्त कराने के लिए एक और सख्त कदम उठाना ज़रूरी हो गया है।

आज मध्य रात्रि यानि 8 नवम्बर 2016 की रात्रि 12 बजे से वर्तमान में जारी 500 रुपये और 1,000 रुपये के करेंसी नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे यानि ये मुद्राएँ कानूनन अमान्य होंगी।

500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों के जरिये लेन देन की व्यवस्था आज मध्य रात्रि से उपलब्ध नहीं होगी।

भ्रष्टाचार, काले धन और जाली नोट के कारोबार में लिप्त देश विरोधी और समाज विरोधी तत्वों के पास मौजूद 500 एवं 1,000 रुपये के पुराने नोट अब केवल कागज़ के एक टुकड़े के समान रह जायेंगे। ऐसे नागरिक जो संपत्ति, मेहनत और इमानदारी से कमा रहें हैं, उनके हितों की और उनके हक़ की पूरी रक्षा की जायेगी। ध्यान रहे की 100 रुपये, 50 रुपये, 20 रुपये, 10 रुपये, 5 रुपये, 2 रुपये और 1 रूपया का नोट और सभी सिक्के नियमित हैं और लेन देन के लिए उपयोग हो सकते हैं। उस पर कोई रोक नहीं है।

हमारा यह कदम देश में भ्रष्टाचार, काला धन एवं जाली नोट के खिलाफ हम जो लड़ाई लड़ रहे हैं, सामान्य नागरिक जो लड़ाई लड़ रहा है, उसको इससे ताकत मिलने वाली है। इन दिनों में देशवाशियों को कम से कम तकलीफ का सामना करना पड़े, इसके लिए हमने कुछ व्यवस्था की है:

1. 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट, 10 नवम्बर से लेकर 30 दिसम्बर 2016 तक अपने बैंक या डाक घर (पोस्ट ऑफिस) के खाते में बिना किसी सीमा के जमा करवा सकते हैं।

2. आपके पास लगभग 50 दिनों का समय है। अतः नोट जमा करने के लिए आपको अफरा तफरी करने की आवश्यकता नहीं है।

3. आपकी धनराशि आपकी ही रहेगी, आपको कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है।

4. 500 रुपये या 1,000 रुपये के पुराने नोटों को खाते में डाल कर आप अपनी जरूरत के अनुसार फिर से निकाल सकते हैं।

5. केवल शुरू के दिनों में खाते से धनराशि निकालने पर प्रति दिन दस हज़ार रुपये और प्रति सप्ताह बीस हज़ार रुपये की सीमा तय की गई है। ऐसा नए नोटों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इस सीमा में आने वाले दिनों में वृद्धि कर दी जायेगी।

6. खाते में जमा करने की सुविधा के साथ साथ एक दूसरी सुविधा भी दी जा रही है।

7. तत्काल आवश्यकता के लिए 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को नए एवं मान्य नोट के साथ 10 नवम्बर से 30 दिसम्बर तक आप किसी भी बैंक या प्रमुख और उप डाकघर (हेड पोस्ट ऑफिस और सब-पोस्ट पोस्ट ऑफिस) के काउंटर से अपना पहचान पत्र जैसे की आधार कार्ड, मतदाता यानी वोटर कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड इत्यादि सबूत के रूप में पेश करके आप नोट बदल सकते हैं।

8. प्रारम्भ में 10 नवम्बर से 24 नवम्बर तक चार हज़ार रुपये तक के पुराने 500 एवं 1,000 रुपये के नोट बदले जा सकते हैं। 15 दिनों के बाद यानी 25 नवम्बर से चार हज़ार रुपये की सीमा में वृद्धि कर दी जाएगी।

9. ऐसे लोग जो इस समय सीमा के अन्दर अर्थात 30 दिसम्बर 2016 तक पुराने नोट किसी कारणवस जमा नहीं कर पाए, उनको 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट बदलने का एक आखिरी अवसर दिया जाएगा।

10. ऐसे लोग रिज़र्व बैंक के निर्धारित ऑफिस में अपनी राशि एक घोषणा पत्र यानी declaration फॉर्म के साथ 31 मार्च 2017 तक जमा करवा सकते हैं।

11. 9 नवम्बर और कुछ स्थानों में 10 नवम्बर को भी ATM काम नहीं करेंगे। प्रारम्भ में ATM से प्रति कार्ड प्रति दिन निकाली जा सकने वाली राशि की सीमा दो हज़ार रुपये रहेगी।

12. फिर उसे कुछ अवधि के बाद बढ़ा कर चार हज़ार रुपये कर दिया जाएगा।

13. वैसे तो 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट आज रात्रि 12 बजे से कानूनी तौर पर ख़त्म हो जायेंगे, परन्तु सामान्य जन-जीवन की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मानवीय दृष्टिकोण से हमने इस प्रक्रिया में शुरू के 72 घंटों में यानी 11 नवम्बर की रात्रि 12 बजे तक नागरिकों के लिए कुछ विशेष व्यवस्था की है।

14. 11 नवम्बर की रात्रि 12 बजे तक सभी सरकारी अस्पतालों में भुगतान के लिए पुराने 500 या 1,000 रुपये के नोट स्वीकार किये जायेंगे।

15. इस से वैसे परिवार जिनमे कोई बीमार है उन्हें उपचार में कोई बाधा न आये।

16. ऐसे सरकारी अस्पतालों में यदि दवा के दुकान की व्यवस्था है तो डॉक्टर के दिए गए पर्चे पर 500 और हज़ार के पुराने नोटों से दवा खरीदने की सुविधा भी 72 घंटे तक उपलब्ध रहेगी।

17. ऐसे ही 11 नवम्बर की रात्रि 12 बजे तक, रेलवे के टिकट बुकिंग काउंटर, सरकारी बसों के टिकट बुकिंग काउंटर और हवाई अड्डों पर एयरलाइन्स के टिकट बुकिंग काउंटर पर केवल टिकट खरीदने के लिए पुराने नोट अर्थात 500 और 1,000 रुपये के नोट स्वीकार करने की छूट होगी। ऐसा हमने उन परिवारों की जरूरतों को देखते हुए किया है जो इस समय यात्रा कर रहे होंगे।

18. केंद्र अथवा राज्य सरकार द्वारा प्रमाणित कोआपरेटिव की दिनचर्या की वस्तुओं की दूकान (जैसे केंद्रीय भंडार, सफल) और दुग्ध विक्रय केन्द्रों (मिल्क पार्लर) में भी 11 नवम्बर की रात 12 बजे तक पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोट स्वीकार करने की छूट होगी। इस दौरान इन संस्थानों को प्रतिदिन अपने स्टॉक और बिक्री की सुचना रजिस्टर में रखनी होगी।

19. सार्वजनिक क्षेत्र (पब्लिक सेक्टर) के पेट्रोल और CNG गैस स्टेशन (रिटेल आउटलेट्स) पर पेट्रोल, डीजल और CNG गैस की बिक्री के लिए भी 11 नवम्बर की रात 12 बजे तक पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोट स्वीकार करने की छूट होगी। इस दौरान प्रतिदिन अपने स्टॉक और बिक्री की सुचना रजिस्टर में रखनी होगी।

20. शवदाह गृह/ क्रेमाटोरियम जैसी जगहों पर भी 11 नवम्बर की रात 12 बजे तक पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोट स्वीकार करने की छूट होगी।

21. अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर विदेश से आ रहे या विदेश को जा रहे लोगों को अगर उनके पास पुराने 500 और 1,000 के नोट हैं तो ऐसे नोटों की 5,000 रुपये तक की राशि को नई एवं मान्य करेंसी नोटों से बदलने की सुविधा दी जायेगी।

22. अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर विदेशी मुद्रा या 5,000 रुपये तक के पुराने नोटों को नई एवं मान्य करेंसी नोटों से बदलने की सुविधा दी जायेगी।

23. इन सारी सुविधाओं के अलावा मैं यह स्पष्ट करना चाहूँगा की इस पूरी प्रक्रिया में नॉन-कैश लेन देन में यानी चेक से पेमेंट, डिमांड ड्राफ्ट से पेमेंट, डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट अथवा इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रान्सफर में कोई रुकावट नहीं आएगी। ये कारोबार जैसा पहले चलता था वैसा ही चलता रहेगा।

इन सारे इंतज़ाम के बावजूद हमारे ईमानदार देशवासियों को अगर तकलीफ का सामना करना पड़ा तो अनुभव यह बताता है कि इस देश का सामान्य नागरिक देश की भलाई के लिए त्याग करने और कठिनाई सहने के लिए कभी भी पीछे नहीं रहता है। जब मैं सुनता हूँ की कोई गरीब विधवा LPG सब्सिडी छोड़ने में आगे आती है, यह त्याग एक रिटायर्ड स्कूल टीचर में भी पाया जाता है जब वो पेंशन से स्वच्छ भारत कोष में योगदान देने कोप आगे आता है, जब हम ये सुनते हैं कि गरीब आदिवासी माँ का बकरी बेचकर शौचालय बनाने के लिए पैसे लगा देती है, एक फौजी का अपने गाँव को स्वच्छ गाँव बनाने के लिए सत्तावन हज़ार रुपये का दान देने के लिए आगे आता है। मैंने तो यह देखा है की देश के सामान्य नागरिक की एक ही तमन्ना है कि वह कुछ भी कर गुजरने को तैयार है बस देश का कल्याण हो।

अतः भ्रष्टाचार, काला धन, जाली नोट और आतंकवाद के खिलाफ जंग में हम लोग थोड़ी सी कठिनाई वह भी कुछ दिनों के लिए तो झेल ही सकते हैं। मेरा पूरा विश्वास है की देश का प्रत्येक नागरिक भ्रष्टाचार के खिलाफ शुचिता के इस महायज्ञ में मिल कर खड़ा होगा।

मेरे प्यारे देशवासियों,

दिवाली के पर्व के बाद, अब ईमानदारी के इस उत्सव में, प्रमाणिकता के इस पर्व में आप बढ़ चढ़ कर हाथ बटायें। मेरा पूरा विश्वास है कि देश के सभी राजनीतिक दल, राजनैतिक कार्यकर्ता, सामजिक और शैक्षणिक संस्थाएं, मीडिया सहित समाज के सभी वर्ग से इस महान कार्य में सरकार से भी ज्यादा बढ़ चढ़ कर भाग लेंगे, सकारात्मक भूमिका अदा करेंगे और इस कार्य को सफल बना कर ही रहेंगे।

म्रेरे प्यारे देशवासियों,

ये बातें जब मैं आपके समक्ष रख रहा हूँ, इसी समय सरकार के अलग-अलग विभागों को भी जानकारी हो रही है, बैंक हो, पोस्ट ऑफिस हो, रेलवे हो, अस्पताल हो, उनके अधिकारीयों को भी इस विषय की इससे पहले कोई जानकारी नहीं मिली है। क्योंकि इस काम में गोपनीयता बहुत ही आवश्यक थी। ऐसी स्थिति में रिज़र्व बैंक, सभी बैंक्स और पोस्ट ऑफिस को कम समय में बहुत सारी व्यवस्था करनी है। इस व्यवस्था में कुछ समय तो जाएगा। इसलिए रिज़र्व बैंक ने यह फैसला लिया है की 9 नवम्बर को सभी बैंक पब्लिक कार्य के लिए बंद रहेंगे। नागरिकों को असुविधा होगी। मेरा पूरा भरोसा है की बैंक और पोस्ट ऑफिस में काम करने वाले सभी साथी देश हित में इस पवित्र कार्य को सफलतापूर्वक परिपूर्ण करेंगे। भूतकाल में उन्होंने ये करके दिखाया है। मेरा जनता-जनार्दन से इतना ही आग्रह है कि सभी नागरिक धैर्य रखते हुए सभी बैंक्स और पोस्ट ऑफिस अधिकारीयों के साथ सहयोग करें, यही मेरी उनसे आग्रह और बिनती है।

बहनों और भाइयों,

समय समय पर मुद्रव्यवस्था को ध्यान में रख कर रिज़र्व बैंक, केंद्र सरकार की सहमति से नए अधिक मूल्य के नोट को सर्कुलेशन में लाता रहा है। 2014 में रिज़र्व बैंक ने 5,000 और 10,000 रुपये के करेंसी नोट का प्रस्ताव सरकार को भेजा था जिसे हमारी सरकार ने विचार-विमर्श के बाद अस्वीकार कर दिया था। अब इस पूरी प्रक्रिया में रिज़र्व बैंक द्वारा 2,000 रुपये के नए नोट के प्रस्ताव को स्वीकार किया गया है। पूरी तरह से नए तौर पर डिजाईन किये गए 500 रुपये और 2,000 रुपये के नए करेंसी नोट अब सर्कुलेशन में लाया जाएगा। रिज़र्व बैंक अपने पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए, करेंसी सर्कुलेशन में अधिक मूल्य के नोटों का हिस्सा अब एक सीमा के अन्दर ही रहे इसके लिए रिज़र्व बैंक आवश्यक प्रबंध करेगा।

अंत में मेरे प्यारे देशवाशियों

मैं यह दोहराना चाहता हूँ की किसी देश के इतिहास में ऐसे क्षण आते हैं जब हर व्यक्ति यह महसूस करता है की उसे भी उस क्षण का हिस्सा बनना है। उसे भी राष्ट्र हित में, राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना है। परन्तु ऐसे क्षण हर किसी की जिंदगी में गिने चुने ही आते हैं। आज समय हमें फिर से एक अवसर दे रहा है। हर सामान्य नागरिक भ्रष्टाचार, काला धन, जाली नोट के खिलाफ इस महायज्ञ में , इस लड़ाई में अपना योगदान दे सकता है।

बहनों और भाइयों आपसे इस प्रक्रिया में जितना सहयोग मिलेगा, शुद्धिकरण उतना ही सफल होगा। देश के लिए यह चिंता का कारण था कि भ्रष्टाचार और काले धन को जीवन का एक सहज हिस्सा मान लिया गया था। यह सोच आज हमारे राजनैतिक, सामाजिक, और प्रशासनिक जीवन को दीमक की तरह खाए जा रहा है। शासन व्यवस्था का कोई भी अंग इस दीमक से अछूता नहीं है।

समय समय पर हमने देखा है की भारत के सामान्य जन मानस को अगर भ्रष्टाचार और कुछ दिनों की असुविधा में से एक को चुनना हो, तो वह बेहिचक, मैं कहता हूँ बेहिचक मेरे देश का ईमानदार नागरिक असुविधा को तो चुनेगा लेकिन भ्रष्टाचार को कदापि नहीं चुनेगा।

आपसे मैं फिर एक बार आह्वान करता हूँ की आइये जैसे आपने दिवाली के पर्व में अपने घर और आस पड़ोस की सफाई की, वैसे ही सफाई के काम को आगे बढाते हुए, हम इस महायज्ञ में अपनी पूर्णाहुति डाल कर इसे सफल बनाइये। इतने बड़े देश में, इतनी बड़ी सफाई के महापर्व में असुविधा को ध्यान में न रखते हुए आइये सभी शुचिता की दिवाली मनाएं, पुरे विश्व को भारत की इस ईमानदारी का उत्सव दिखाएँ, पूरे देश में प्रमाणिकता का पर्व मनाएं जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लग सके, काले धन पर नकेल कस सके, जाली नोटों का खेल खेलने वालों को नेस्तनाबूद कर सके, जिस से की देश का धन गरीबों के काम आ सके, हर ईमानदार नागरिक को देश की सम्पन्नता में उसकी उचित हिस्सेदारी मिल सके, आने वाली पीढ़ी गर्व से अपना जीवन जी सके। मैं आप सब के सहयोग के लिए पूरे विशवास के साथ सवा सौ करोड़ देशवासियों कि मदद से भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई को और आगे ले जाना चाहता हूँ। मुझे विश्वास है आपका साथ, आपका सहयोग आने वाली पीढीयों के लिए प्रेरक बनेगा। मैं फिर एक बार आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। भारत माता की जय।


***



AKT/AK

Saturday 1 October 2016

हमारे देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने एक अद्भुत एवं सराहनीय कदम के रूप में "स्वच्छ भारत अभियान"

हमारे देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने एक अद्भुत एवं सराहनीय कदम के रूप में दिनांक 2 अक्टूबर 2014 को " स्वच्छ भारत अभियान" के रूप में राष्ट्र एवं अत्यंत जनहितकारी यह महाअभियान प्रारम्भ किया था. माननीय प्रधानमंत्री जी का यह निर्णय ऐसा था जिसकी जितनी तारीफ़ की जावे, उतनी ही कम है. हिंदी पाक्षिक समाचार पत्र ने इस अभियान के प्रति जागरूकता लाने और ज्यादा से ज्यादा इसको गति मिले, इस उद्देश्य से इस अभियान पर विशेष सामग्री देते हुए उसी समय गठजोड़ का यह विशेष अंक प्रकाशित किया था. इस अंक में जन हितकारी इस अभियान के अलावा अन्य जन हितकारी विभिन्न विषयों पर भी महत्वपूर्ण एवं रोचक सामग्री प्रकाशित की थी. इस अभियान को शुरू हुए आज दो वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं, अभियान के प्रति जागरूकता लाने एवं गठजोड़ के इस दिशा में तत्काल किए गए प्रयासों की जानकारी देने की दृष्टि से आज के दिन यह संग्रहनीय अंक आपकी सेवामें प्रेषित है. gathjodnews@gmail.com
पूर्ण मैगज़ीन को देखने के लिए लिंक पर विजिट करे :-
https://www.facebook.com/gathjod/





लोकप्रिय प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी का आज के दिवस राष्ट्र एवं जनहित में उठाया गया एक अत्यंत सराहनीय कदम "स्वच्छ भारत - स्वस्थ भारत"

स्वच्छ भारत अभियान के प्रति जागरूकता लाकर इसको अधिकाधिक गति मिले, की दृष्टि से इंटरनेशनल सेंटर फॉर ज्योतिष, वास्तु, स्पिरिचुअल एंड कल्चरल एक्टिविटीज ट्रस्ट, गठजोड़ एवं विभिन्न सगठनों के संयुक्त तत्वावधान में उक्त अभियान पर प्रेरणादायी सामग्री समाविष्ट करते हुए एक पोस्टर, उक्त अभियान शुरू होने के कुछ समय बाद जारी किया गया था, इसके कुछ दिनों पश्चात माननीय राज्यपाल, राजस्थान श्रीमान कल्याण सिंह जी एक कार्यक्रम में, इसका अवलोकन करने के बाद इस पोस्टर के साथ, इस अवसर पर साथ में उक्त ट्रस्ट के अध्यक्ष ज्योतिर्विद महावीर कुमार सोनी एवं गठजोड़ के मानद संपादक हेमंत गोदिका. उक्त अभियान शुरू होकर चलते हुए इसको दो वर्ष पूर्ण होकरआज तीसरा वर्ष शुरू हो गया है, राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी एवं लोकप्रिय प्रधानमंत्री एवं जन नेता स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की आज पावन जयंती अवसर पर उनको नमन करते हुए यह सुखद पल आपके साथ शेयर कर रहे है |











Wednesday 17 August 2016

मुख्यमंत्री का राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में सम्बोधन सशक्त, समृद्ध और खुशहाल राजस्थान के निर्माण में भागीदारी के आह्वान के साथ विकास की कई घोषणाएं

जयपुर, 15 अगस्त। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने अजमेर के पटेल मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में देश के शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए सशक्तसमृद्ध और खुशहाल राजस्थान के निर्माण में युवा शक्ति एवं प्रदेशवासियों से भागीदार बनने का आह्वान किया। श्रीमती राजे ने कहा कि आज देश में युवाओं की संख्या65 प्रतिशत है। हमें जोश और जज्बे को बरकरार रखते हुए आजादी के मूल मंत्र को हमेशा याद रखना होगा। 


2 अक्टूबर से लगेंगे पंचायत शिविर        
  मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहली बार पंचायत से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए पंचायत स्तर पर ही शिविर लगाकर जन समस्याओं के निराकरण की अभिनव पहल की जाएगी। पूरे प्रदेश में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर के अवसर पर ये शिविर शुरू होंगे।


    किसानों को 1500 करोड़ का अतिरिक्त ब्याज मुक्त फसली ऋण

   मुख्यमंत्री ने कहा कि फसली ऋण योजना के तहत किसानों को सहकारी बैंकों के माध्यम से 1500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त ब्याज मुक्त फसली ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने समारोह में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि किसानों की 5 हैक्टेयर तक की खातेदारी भूमि से जिप्सम की परत हटाने का परमिट अब जिला कलक्टर के स्तर पर ही जारी कर दिए जाएंगे। इससे भूमि की उत्पादकता बढ़ेगी और किसानों को भरपूर लाभ मिलेगा। 

40 हजार महिलाओं को आजीविका तथा मनरेगा से जोड़ेंगे        
  मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए उन्हें आजीविका से जोड़ा जाएगा। इस साल हम 40 हजार ऎसी महिलाओं को राजस्थान आजीविका परियोजना तथा मनरेगा से जोड़ेंगेजिससे ये महिलाएं न केवल अपने खेतों में खेत-तलाईभूमि समतलीकरण और मेड़बंदी का कार्य करा सकेंगी बल्कि वर्मी-कम्पोस्ट के उत्पादन के साथ-साथ बकरी और पशु के लिए शैड का निर्माण भी कर सकेंगी।
एससी-एसटी को पात्रता अंकों में 5 प्रतिशत की छूट          
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य मेें मंत्रालयिक सेवा संबंधी तीनों नियमों जैसे राजस्थान सचिवालय, राजस्थान लोक सेवा आयोग एवं राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय लिपिकवर्गीय सेवा नियम, 1999 में नया प्रावधान किया जाएगा। इनमें सीधी भर्ती के पदों पर एससी-एसटी के अभ्यर्थियों को प्रथम चरण व द्वितीय चरण की परीक्षा में न्यूनतम पात्रता अंकों में 5 प्रतिशत तक की छूट देय होगी। इससे अधिक लोगों को आरक्षित पदों पर चयन का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सुविधा के लिए ऑनलाइन पेंशन सॉफ्टवेयर को शीघ्र ही लागू किया जाएगा।
विद्यार्थी मित्रों को राहत के लिए करेंगे सार्थक पहल       
   श्रीमती राजे ने कहा कि लम्बे समय से विद्यार्थी मित्र की समस्या के समाधान करने की मांग की जा रही है। हमने इसके समाधान का प्रयास भी किया परन्तु समस्त प्रक्रिया न्यायालय में विचाराधीन होने से लंबित है। अब नए सिरे से इसके समाधान का प्रयास किया जा रहा है। आगामी एक-दो माह में  इस दिशा में सार्थक पहल करने का प्रयास किया जा रहा है। 

  350 स्कूलों में होेंगे 204 करोड़ के काम        
  
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से पिछले ढाई सालों में शिक्षा की गुणवत्ता में निरन्तर सुधार हुआ है। इसी का परिणाम है कि वर्ष 2013 की तुलना में वर्ष 2016 में रिजल्ट 56 से बढ़कर 70 प्रतिशत हो गया है। बारहवीं विज्ञान संकाय का रिजल्ट 34 से बढ़कर 47 प्रतिशत हो गया है तथा लाख बच्चों का नामांकन बढ़ा हैजो एक रिकॉर्ड है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अन्तर्गत 204करोड़ रुपये की लागत से 350 विद्यालयों में हजार से अधिक कार्य कराये जाएंगे। इनमें विज्ञान प्रयोगशालाकम्प्यूटर रूमआर्ट एण्ड क्राफ्ट रूमपुस्तकालयअतिरिक्त कक्षा-कक्ष एवं पेयजल सुविधाओं के कार्य होंगे।

  शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए 12 केन्द्र          
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों के आधुनिक प्रशिक्षण के लिए 9 शैक्षणिक संभाग मुख्यालय सहित 12 स्थानों पर स्थित स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ एजूकेशन मैनेजमेंट एण्ड ट्रेनिंग में अत्याधुनिक आईटी सुविधाओं से युक्त केन्द्राें का निर्माण कराया जाएगा। 

संभाग मुख्यालयों पर स्थापित होंगे ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर     

     श्रीमती राजे ने युवाओं को कौशल विकास से जोड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि हमने इस दिशा में ठोस कदम उठाये और राजस्थान मिशन ऑन लाइवलीहुड का पुनर्गठन किया। आज प्रदेश के सैकेण्डरी स्कूलों में भी व्यावसायिक शिक्षा प्रदान की जा रही है। राज्य का ऎसा कोई जिला नहीं है, जहां किसी बड़ी कम्पनी की आईटीआई से पार्टनरशिप न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दो-तीन माह में सीकर और रेलमगरा के साथ-साथ सभी संभाग मुख्यालयों पर ड्राइविंग ट्रेनिंग सेन्टर स्थापित किए जाएंगे। नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एन्टरप्रेन्योरशिप एण्ड स्मॉल बिजनेस डवलपमेंट की इकाइयां प्रदेश की सभी सरकारी आईटीआई में 13 दिसम्बर तक स्थापित कर दी जाएंगी। राज्य में कौशल प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में अगस्त माह के दौरान करीब 21 हजार प्रशिक्षणार्थी नामांकित थे, जो कि एक रिकॉर्ड है। साथ ही सरकार ने अब तक सरकारी एवं गैर सरकारी क्षेत्रों में 9 लाख 90 हजार रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए हैं। 104 या 108 डायल करने पर मिलेगी एम्बूलेंस सेवाएं      
   मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में 108 एम्बूलेंस सेवा, 104 जननी एक्सप्रेस सेवा, बेस एम्बूलेंस सेवा तथा 104 चिकित्सा परामर्श सेवा पृथक्-पृथक् संचालित की जा रही हैं और इनकी सेवाओं के लिए कॉलर को अलग-अलग नम्बर डायल करने पड़ते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए इन चारों एम्बूलेंस सेवाओं को एकीकृत कर जीवनवाहिनी इंटीग्रेटेड एम्बूलेंस योजना शुरू की जाएगी। जिससे 104 या 108 डायल करने पर एम्बूलेंस उपलब्ध होगी। इसका फायदा यह होगा कि रेस्पोंस समय में कमी आने से मरीज तक जल्दी पहुंचा जा सकेगा। इस प्रणाली को आज से ही लागू किया जा रहा है। 

  295 आदर्श पीएचसी की शुरूआत    
   
   मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने इस अवसर पर 295 आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की शुरूआत करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह योजना महत्वपूर्ण है। वर्ष 2017 तक हम 900 पीएचसी को आदर्श बनाएंगे। इनमें एलोपैथिक, आयुर्वेद और योगा की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि चिकित्सालयों में अनुपयोगी पड़े उपकरणों की शीघ्र मरम्मत, इनका उपयोग सुनिश्चित करने के लिए पीएचसी से लेकर जिला अस्पतालों तक एक्विपमेंट्स मैंनेजमेंट एण्ड मैंटीनेंस सिस्टम की स्थापना की जा रही है।  
बिजली, पानी और सड़क को किया मजबूत          
श्रीमती राजे ने कहा कि बिजली, पानी और सड़क प्रदेश के विकास के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। इन तीनों ही क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए राज्य सरकार ने बिजली के वार्षिक औसत बजट आवंटन में 192प्रतिशत, पेयजल में 87.55 प्रतिशत और सार्वजनिक निर्माण विभाग में 140.87 प्रतिशत की वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत शेष रही 1480 ढाणी व मजरों को जोड़ने के लिए 1612 करोड़ रुपए की लागत से 4293 किमी डामर सड़क बनाई जाएगी। साथ ही, अजमेर, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, करौली, कोटा, झालावाड़, जोधपुर, नागौर, अलवर, हनुमानगढ़ एवं बीकानेर जिले की 500 किमी ग्रामीण सड़कों को मुख्य जिला सड़क के रूप में अपग्रेड किया जाएगा। इसके अलावा दूसरे चरण में 2 हजार पंचायतों में गौरव पथ बनाए जाएंगे।  
जयपुर में 500 करोड़ रुपए के सीवरेज के काम होंगे      
    मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर शहर की घनी आबादी वाले क्षेत्र में सीवरेज लाइनें डालने के लिए आने वाले ढाई साल में 500 करोड़ रुपए के काम हाथ में लिए जाएंगे। 
अजमेर अब खुले में शौच से मुक्त        
  श्रीमती राजे ने समारोह में अजमेर जिले को खुले में शौच से मुक्त जिला घोषित करते हुए कहा कि जल्द ही पाली, चूरू, झुझुनूं और गंगानगर जिले भी इस श्रेणी में शामिल होंगे। अब तक प्रदेश में 2329 ग्राम पंचायतें खुले में शौच से मुक्त हो चुकी हैं। 
रोज 1065 युवाओं को मिल रहा रोजगार      

    मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में प्रतिदिन नई पेयजल परियोजनाओं पर 13 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। प्रतिदिन 125 हैक्टेयर से भी अधिक भूमि बूंद-बूंद और फव्वारा सिंचाई योजनाओं से जोड़ी जा रही है। प्रतिदिन 155 युवाओं का कौशल विकास हो रहा है। सरकारी अथवा गैर-सरकारी क्षेत्र में प्रतिदिन 1 हजार 65 युवाओं को रोजगार मिल रहा है और प्रतिदिन  2 हजार 940 युवा मुद्रा योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। इसके अलावा प्रतिदिन 90 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों का पंजीयन हो रहा है। प्रतिदिन 4 करोड़ 54 लाख रुपये सड़क निर्माण पर खर्च हो रहे हैं और करीब 14 किलोमीटर सड़क बन रही हैं।

Tuesday 26 July 2016

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की दूरदर्शी सोच से राजस्थान पा रहा सुनहरे आयाम

सदियों से पानी की समस्या से जूझ रही मरुधरा राजस्थान के इतिहास में यह पहला मौका है जब बारिश का इतना बेसब्री से इंतजार हो रहा है जैसा पहले कभी नहीं रहा। अबकि बार पूरा का पूरा राजस्थान जैसे उठ खड़ा हुआ है वर्षाऋतु की जोरदार अगवानी में। हर तरफ उल्लास का माहौल पसरा हुआ है। पूरे उत्साह और उमंग के साथ राजस्थान प्रदेशवासी उत्सुक हैं बारिश के स्वागत में। प्रदेश का कोना-कोना इस बार पावस से खुशहाली पाने के स्वप्नों में रमा हुआ है। जन समुदाय अब अहर्निश इसी तीव्रतर प्रतीक्षा में है कि बारिश कब हो, और अर्से से प्यासी धरा सरसब्ज हो। बात मैदानी हिस्सों की हो, रेगिस्तानी इलाकों की, या फिर पहाड़ी क्षेत्रों की। राजस्थान भर की सरजमीं पूरे उत्साह से आतुर है पानी भरे बादलों से आलिंगन को। राजस्थान रच रहा अपूर्व इतिहास नदी-नालों, झील-तालाबों से लेकर कूओं-बावड़ियों और तमाम नए-पुराने जलाशयों का उछाह भी कोई कम नहीं। उछाले मारती यह आतुरता, उत्साह और उमंग हो भी क्यों न, इस बार राजस्थान ऎसा अपूर्व स्वर्णिम इतिहास रचने जा रहा है जो सदियों तक पानी की आत्मनिर्भरता का पैगाम गूंजाता रहेगा। प्रदेश सरकार की ओर से राजस्थान को पानी के मामले में हर दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने के महत्वाकांक्षी प्रयासों का साकार स्वरूप दिखा रहे मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान ने प्रदेश का कायाकल्प ही कर दिया है। जल समस्या होगी दूर समूचे राजस्थान में बरसाती जल के संग्रहण के लिए लाखों छोटी-बड़ी जल संरचनाओं का सृजन हुआ है, पुराने और परंपरागत जल स्रोतों को आबाद किया गया है। प्रदेश भर में पुख्ता इंतजामों के साथ पूरी दूरदर्शिता और उपयोगिता को ध्यान में रखकर ऎसा जबर्दस्त काम किया गया है कि वर्षा का जल स्थानीय स्तर पर अधिक से अधिक संग्रहित हो, जल भण्डार समृद्ध हों ताकि साल भर पानी की उपलब्धता बनी रहे और भूमिगत जलस्तर में उत्तरोत्तर अभिवृद्धि हो। इससे राजस्थान में पानी की समस्या पर काफी हद तक काबू पाया जा सकेगा। आने वाले समय में अभियान के शेष चरणों में सभी इलाकों में जल संरक्षण कार्य पूर्ण हो जाने के बाद राजस्थान जल संकट के कलंक से हमेशा-हमेशा के लिए मुक्त हो जाएगा। जन भागीदारी का रिकार्ड मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे द्वारा ऎतिहासिक एवं तीव्रतर विकास के साथ ही राजस्थान की देश व दुनिया में इन्द्रधनुषी विकासकारी पहचान बनाने की दिशा में किए जा रहे अनथक प्रयासों की श्रृंखला में यह बहुद्देश्यीय अभियान आशातीत सफलता पा चुका है। इस अभियान को लेकर प्रदेश भर के लोगों की उत्साही और स्वैच्छिक भागीदारी ने रिकार्ड कायम किया है। हालांकि अभियान के प्रथम चरण की पूर्णता का यह अंतिम सप्ताह चल रहा है लेकिन राज्य में लगभग सभी स्थानों पर इस अभियान के कार्यों ने पूर्णता पा ली है। भरने लगे हैं जल स्रोत प्रदेश में मानसून पूर्व की बारिश में कई स्थानों पर अभियान में निर्मित जल संरचनाओं में जल संग्रहण आरंभ हो चुका है। यह अभियान की अप्रत्याशित सफलता का शुभ संकेत है।  बरसात के बाद परम्परागत जलाशयों और अभियान की बदौलत सामने आए नवीन और जीर्णोद्धारित जलस्रोतों में संग्रहित होकर वर्ष भर संचित रहने वाली जलराशि ग्रामीणों, मवेशियों व वन्य जीवों सभी के लिए उपयोगी और जीवनदायी सिद्ध होगी। लोक जीवन में आएगा सतरंगी बदलाव इसके साथ ही हरित क्रान्ति का नया इतिहास भी आकार लेने लगेगा। पहाड़ों, घाटियों, मैदानों व मरुस्थलीय क्षेत्राें में हरियाली का विस्तार होगा, खेती-बाड़ी व बागवानी को सम्बल मिलेगा वहीं मत्स्य पालन व विकास के साथ ही जलीय जीवों की जिन्दगी को भी सुकून मिलेगा। प्रदेश में जल आधारित पर्यटन क्षेत्रों के संरक्षण और विकास को मजबूती मिलेगी तथा नवीन जल पर्यटन क्षेत्र विकसित होंगे जिनसे राजस्थान के पर्यटन विकास को सुनहरे आयाम प्राप्त हाेंंगे। 25 लाख पौधरोपण एक जुलाई से     जल संरक्षण गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के साथ ही साथ प्रदेश सरकार ने व्यापक स्तर पर पौधरोपण गतिविधियों को भी हाथ में लिया है। यह विशेष पौधारोपण अभियान मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत पूरे राजस्थान में चयनित सभी 3 हजार 500 गांवों में एक जुलाई से आरंभ होगा तथा इसमें 25 लाख पौधे लगाए जाएंगे। इसकी प्रदेश भर में पूरी तैयारी है। इससे प्रदेश में पानी व हरियाली तथा इससे संबंधित गतिविधियाें को व्यापकता के साथ मजबूती मिलेगी और लोक जीवन में सुनहरी आभा के साथ ही कई मामलों में आत्मनिर्भरता और तरक्की के साथ बदलाव का सुखद अहसास हो सकेगा। राजस्थान की इतनी बड़ी समस्या का खात्मा करने इतने कम समय में अपूर्व, ऎतिहासिक एवं सतरंगी उपलब्धियां दर्शाने वाला मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान देश भर में अपनी तरह का पहला दूरदर्शी और अनुकरणीय अभियान है जिसमें जन भागीदारी से जनता के लिए बुनियादी विकास की नींव मजबूत करने में सफलता प्राप्त हुई है। मुख्यमंत्री की सोच का कमाल इस अभियान के जरिये मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की दूरगामी सोच ने जो करिश्मा कर दिखाया है वह अद्भुत और कमाल का ही है।  इस बार की बारिश  से प्रदेश बारहों मास सावन सा अहसास कराएगा, यह उम्मीद सभी को है।

Saturday 23 July 2016

राजस्थान में मुख्यमंत्री का आधिकारिक मोबाइल एप लॉन्च



मुख्यमंत्री का आधिकारिक मोबाइल एप लॉन्च जयपुर, 23 जुलाई।  मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने शनिवार को होटल मेरियट में अपना आधिकारिक मोबाइल एप लॉन्च किया। इस एप के माध्यम से प्रदेशवासियों को राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की ताजा जानकारी मिल सकेगी। ’वसुन्धरा राजे’ मोबाइल एप के माध्यम से आमजन मुख्यमंत्री के साथ सीधा संवाद भी कर सकेंगे और दस्तावेज या फोटो अपलोड कर सकेंगे। इस एप में इंटीग्रेटेड सर्विस डिलीवरी एवं शिकायत समाधान सिस्टम भी है। साथ ही, राज्य सरकार अन्य एप्स के लिंक एवं राजस्थान के विकास से जुड़े इंफोग्राफिक्स उपलब्ध हैं। इस एप के माध्यम से मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान में आर्थिक सहयोग किया जा सकता है। इस पर मुख्यमंत्री के भाषण, संदेश एवं साक्षात्कार भी उपलब्ध हैं।